
Navratri 2025 Date & Puja Vidhi | देवी आराधना से लेकर Ashtami तक पूरी जानकारी
भारत त्योहारों की भूमि है, और इन्हीं में सबसे लोकप्रिय पर्व है Navratri। नौ रातें और दस दिन तक चलने वाला यह उत्सव माँ दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजा के लिए समर्पित है। इस दौरान लोग व्रत रखते हैं, भक्ति गीत गाते हैं, गरबा और डांडिया खेलते हैं और घर-घर में शुभ ऊर्जा का संचार होता है।
हर साल लोगों का पहला सवाल यही होता है – “Navratri kab hai 2025?” आइए जानते हैं तिथियां, महत्व और हर दिन की देवी की पूजा विधि।
Navratri 2025 Date
2025 Navratri दो बार मनाई जाएगी:
- Chaitra Navratri 2025 – 30 मार्च (रविवार) से 7 अप्रैल (सोमवार) तक
- Sharad Navratri 2025 – 22 सितम्बर (सोमवार) से 30 सितम्बर (मंगलवार) तक
👉 Navratri 2025 start date –
- पहली Navratri 30 मार्च से (Chaitra)
- दूसरी Navratri 22 सितम्बर से (Sharad)
Durga Puja और Navratri का सम्बंध और अंतर
- Durga Puja मुख्य रूप से पूर्वी भारत (बंगाल, असम, ओडिशा, झारखंड आदि) में पाँच दिनों तक मनाई जाती है, जो शरद नवरात्रि के अंतिम दिन (Shashthi से Dashami तक) होती है—इस दौरान माँ दुर्गा की पूजा,ultural pandals, सामूहिक आयोजन और विसर्जन की रस्में प्रमुख होती हैं।
- जबकि Navratri नौ दिनों का पर्व है, जिसमें माँ दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है, और यह पूरे भारत में मनाया जाता है—विशेषकर उत्तर, पश्चिम और दक्षिण भारत में—with Garba, vrat, रंग-बिरंगे आयोजन आदि।
Mythological and Cultural Depth
Britannica में दी गई कथा—जैसे देवी दुर्गा का महिषासुर वध, देवी का आदिशक्ति के रूप में सृजन, और रामायण में देवी का आह्वान (akalbodhan) शामिल करना—आपके ब्लॉग को गहराई देता है। उदाहरण:
“Devi Durga was created by the combined energies of Brahma, Vishnu, and Shiva to defeat the buffalo demon Mahishasura, as described in the Devi Mahatmya.”
“There’s also the legend of akalbodhan, where Rama invokes Durga during his battle against Ravana.
Cultural Practices: Idol-making, Pandal Decorations, Dhunuchi Nritya
- बंगाल में Durga Puja का एक आकर्षक पहलू हैं—Durga idol-making और elaborate pandal decorations—जो कला और संस्कृति को दर्शाते हैं।
- Dhunuchi Nritya, यानी ज्वलंत धूप का नृत्य, पूजा और विसर्जन के दौरान की जाने वाली पारंपरिक क्रिया है, जो उत्सव को और जीवंत बनाता है।
Culinary Contrast
- Navratri में भक्त व्रत और सात्विक भोजन (मेन्स, लहसुन, प्याज़, मांस से परहेज) करते हैं।
- Durga Puja, खासकर बंगाल में, स्वाद और उत्सव से भरपूर है—जहाँ non-vegetarian delicacies (मटन रोल, फिश फ्राई) और मिठाइयाँ बड़े उत्साह के साथ परोसी जाती हैं।
Durga Puja क्या है?
- Durga Puja, जो शरद नवरात्रि के अंतिम पाँच दिनों में मनाया जाता है, देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय का स्मरण है। यह बंगाल, असम सिर्फ पूर्वी भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है—pandals, cultural events, विसर्जन और Dhunuchi Nritya सरीखी रस्मों के साथ।
- देवी पूजा की पौराणिक कथा में महिषासुर वध शामिल है और रामायण में akalbodhan का प्रसंग भी विशिष्ट है।
Navratri और Durga Puja में अंतर
| पहलू | Navratri | Durga Puja |
| अवधि | 9 दिन (पूर्ण भारत में) | 5 दिन (पूर्वी भारत में) |
| पूजा का स्वरूप | नौ देवियों का क्रमागत सम्मान | दुर्गा का पारिवारिक आगमन और महिषासुर वध |
| सांस्कृतिक रूप | Garba, vrat, sattvic food | Pandal, feasting, Dhunuchi Nritya |

दिव्य कथा और सांस्कृतिक आयाम
- Durga Puja में देवी का निर्माण देवों (ब्रह्मा-विष्णु-शिव) द्वारा मिलता है, ताकि वह महिषासुर को परास्त कर सकें—देवी महात्म्य में वर्णित है।
- कला और संस्कृति का अद्भुत मिश्रण Durga idol-making, thematic pandals, और Dhunuchi dance जैसे उत्सवात्मक तत्वों में दिखाई देता है।
Navratri 2025 HD images download: नौ दिनों की देवी










Navratri 2025: नौ दिनों की देवी और उनकी पूजा
पहला दिन – माँ शैलपुत्री
Navratri का प्रारम्भ Kalash Sthapana से होता है। माँ शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना जाता है। इनकी पूजा से धैर्य और स्थिरता मिलती है।
दूसरा दिन – माँ ब्रह्मचारिणी
दूसरे दिन तप और संयम की देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना होती है। इनकी उपासना से ज्ञान और तपस्या की शक्ति प्राप्त होती है।
तीसरा दिन – माँ चंद्रघंटा
माँ चंद्रघंटा अपने मस्तक पर अर्धचंद्र धारण किए रहती हैं। इनकी कृपा से भय दूर होता है और साहस बढ़ता है।
चौथा दिन – माँ कूष्माण्डा
चौथे दिन की देवी कूष्माण्डा सृष्टि की आदिशक्ति मानी जाती हैं। कहा जाता है कि इनकी मुस्कान से ही ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई। इनकी पूजा से सुख-समृद्धि आती है।
पाँचवा दिन – माँ स्कन्दमाता
पाँचवें दिन माँ स्कन्दमाता की पूजा की जाती है। ये भगवान कार्तिकेय की माता हैं। भक्तों को संतान सुख और घर-परिवार में शांति का आशीर्वाद मिलता है।
छठा दिन – माँ कात्यायनी
माँ कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी कहा जाता है। इनकी आराधना से शत्रुओं पर विजय और साहस की प्राप्ति होती है।
सातवाँ दिन – माँ कालरात्रि
माँ कालरात्रि का रूप भयंकर है, पर ये भक्तों के सभी संकट और भय को नष्ट करती हैं। इनकी पूजा से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
आठवाँ दिन – माँ महागौरी
Ashtami 2025 के दिन माँ महागौरी की पूजा की जाती है। इनका स्वरूप अत्यंत श्वेत और शांत है। इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है।
नौवाँ दिन – माँ सिद्धिदात्री
Navratri का अंतिम दिन माँ सिद्धिदात्री को समर्पित है। ये सभी सिद्धियाँ प्रदान करने वाली देवी हैं। इस दिन व्रत का समापन और हवन किया जाता है।
Ashtami और Navami 2025
- Chaitra Navratri Ashtami 2025 – 6 अप्रैल
- Sharad Navratri Ashtami 2025 – 29 सितम्बर
- Maha Navami 2025 – 7 अप्रैल और 30 सितम्बर
इन दिनों कन्या पूजन और हवन करने का विशेष महत्व है।
Navratri mein क्या करें?
- पहले दिन Kalash Sthapana करें।
- रोज़ाना दीपक जलाकर माँ दुर्गा की आराधना करें।
- Durga Saptashati या Devi Mahatmya का पाठ करें।
- Navratri vrat में सात्विक भोजन करें।
- Ashtami और Navami पर कन्या पूजन अवश्य करें।
- गरबा और डांडिया जैसे सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लें।
FAQs on Navratri 2025
22 सितम्बर, 2025 se start hoti hai.
पहले दिन Kalash Sthapana और माँ शैलपुत्री की पूजा होती है।
29 September,2025
22 सितम्बर, 2025 se start hoti hai.
निष्कर्ष
Navratri 2025 माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा और शक्ति की साधना का पर्व है। इन नौ दिनों में हर देवी का अलग महत्व है और उनकी आराधना से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। चाहे आप Navratri 2025 date, Ashtami 2025, या Gupt Navratri 2025 खोज रहे हों, यह जानकारी आपके लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगी।
आपको और आपके परिवार को Navratri 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ!



